अब आपके पास केवल एक Aadhar Card नहीं होगा, बल्कि आपकी ज़मीन का भी एक Aadhar Card होगा! भारतीय सरकार ने हाल ही में नए Bhu Aadhar ULPIN (Unique Land Parcel Identification Number) की घोषणा की है, जिसे भूमि रिकॉर्ड को डिजिटलीकरण और स्पष्टता प्रदान करने के लिए लागू किया जाएगा। इस नए नियम के तहत, ज़मीन को 14 अंकों की विशेष पहचान संख्या दी जाएगी, जिससे ज़मीन के मालिकाना हक और भूमि से जुड़े विवादों को सुलझाने में मदद मिलेगी।
Bhu Aadhar Yojana: एक नजर
Bhu Aadhar Yojana के अंतर्गत, ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में भूमि को एक विशिष्ट पहचान संख्या दी जाएगी, जिसे Bhu Aadhar ULPIN कहा जाएगा। इस योजना का मुख्य उद्देश्य भूमि के रिकॉर्ड को डिजिटल रूप से व्यवस्थित करना और भूमि विवादों को कम करना है।
Bhu Aadhar कैसे बनाया जाएगा
Bhu Aadhar बनाने की प्रक्रिया में निम्नलिखित चरण शामिल होंगे:
- जीपीएस तकनीक से जियो टैगिंग: भूमि की सटीक भौगोलिक स्थिति की पहचान के लिए जीपीएस तकनीक का उपयोग किया जाएगा।
- भौतिक सत्यापन और माप: भूमि की सीमाओं का भौतिक सत्यापन और माप किया जाएगा।
- जानकारी एकत्रण: भूखंड के मालिक का नाम, उपयोग की श्रेणी, क्षेत्रफल और अन्य विवरण एकत्रित किए जाएंगे।
- डिजिटल रिकॉर्डिंग: सभी जानकारी भूमि रिकॉर्ड प्रबंधन प्रणाली में दर्ज की जाएगी।
- भू आधार संख्या का निर्माण: एक स्वचालित प्रणाली द्वारा भूखंड के लिए एक विशिष्ट भू आधार संख्या तैयार की जाएगी।
Bhu Aadhar में शामिल जानकारी
Bhu Aadhar Card में निम्नलिखित जानकारी शामिल होगी:
- राज्य कोड: भूमि का संबंधित राज्य कोड
- जिला कोड: भूमि का संबंधित जिला कोड
- उप जिला कोड: उप जिला कोड
- गांव कोड: संबंधित गांव का कोड
- भूखंड की विशिष्ट आईडी संख्या: 14 अंकों की पहचान संख्या
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Bhu Aadhar के लाभ
- सटीक भूमि अभिलेख: Bhu Aadhar से भूमि मानचित्र और नक्शों के माध्यम से सटीक भूमि अभिलेख सुनिश्चित होंगे।
- भूमि विवादों की समाप्ति: स्पष्ट पहचान और रिकॉर्ड से भूमि विवादों को सुलझाने में मदद मिलेगी।
- ऑनलाइन पहुंच: भूमि अभिलेखों तक ऑनलाइन पहुंच संभव होगी, जिससे पूरी जानकारी और स्वामित्व विवरण ट्रैक किया जा सकेगा।
- नीति निर्माण में सहायता: सरकार को सटीक भूमि डेटा प्राप्त होगा, जिससे नीति निर्माण में सहूलियत होगी।
शहरी Bhu अभिलेखों का डिजिटलीकरण
इसके अतिरिक्त, 2027 तक शहरी भूमि अभिलेखों का डिजिटलीकरण पूरा किया जाएगा। इस प्रक्रिया को तेजी से लागू करने के लिए राज्यों को वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट भाषण में बताया कि राज्य सरकारों के साथ मिलकर भूमि प्रशासन, योजना प्रबंधन, शहरी नियोजन और भवन उपयोग संबंधी नियमों को अगले 3 वर्षों में लागू किया जाएगा।
यह नया Bhu Aadhar यूएलपिन प्रणाली भूमि रिकॉर्ड प्रबंधन में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो सरकार की भूमि सुधार नीतियों को साकार करने में सहायक साबित होगी।
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